एक पैगाम भारत की नारी के नाम…

एक पैगाम भारत की नारी के नाम…

||एक पैगाम भारत की नारी के नाम||

नारी है एक इतिहास ! नारी है इस देश की शान !नारी है हमारा सम्मान !नारी है हमारी पहचान ! नारी है प्रकृतिस्वरूपा !नारी है मातृस्वरूपा !नारी है वात्सल्यरूपा ! नारी है प्रेमस्वरूपा ! नारी है करुणास्वरूपा ! नारी है ममतामयी ! ना भूले अपने इस देवी स्वरुप को !

हे नारी ! तुझ पर निर्भर है इस विश्व का भविष्य । क्योंकि हर संस्कार होकर जाते हैं तुझसे और होता है नवनिर्माण इस विश्व का पुनः । लाये पति के प्राण यमराज से वापिस वह सती सावित्री नारी ही थी । जिसने जगायी निष्ठां स्वराज्य की शिवाजी में वह जीजाबाई नारी ही थी।जिसने करवाया कठोर परिश्रम पेशवा बाजीराव से स्वराज्य प्राप्ति के लिए वह भी माँ एक नारी ही थी।जिसने दिया बलिदान इस मातृभूमि के लिए वह लक्ष्मीबाई एक सन्नारी ही थी। जिसने दिए उच्च संस्कार और किया महिलाओं का उद्धार वह सावित्री फुले एक आदर्श शिक्षिका एक नारी ही थी। जिसने पाया ब्रम्हज्ञान और करवाया अपने पूत्रों को भी ब्रम्हज्ञान वह मदालसा एक नारी ही थी। जिसने करवाया अपने पति को भी ब्रम्हज्ञान वह रानी चुडाला एक नारी ही थी। जिन्होंने माना अपने पुत्र को ही गुरु और पायी उच्च स्थिती वह माँ महँगीबा एक नारी ही थी।जाग नारी अपने स्वरुप में है तेरे हाथ में इस विश्व का भविष्य। स्मरण कर अपने स्वरुप का और समझ ले अपने दायित्व को।

ना कर संतों का अपमान यह है एक घोर पाप|

कर उनका सम्मान और कर ले अपना कल्याण||

आईये आज हम सभी महिलाएं एक संकल्प करे की हम अपने पूर्वजों के संस्कारों को संजोयेंगे।उन आदर्श नारियों का अनुकरण कर अपना जीवन सफल बनाएंगे।इस देश के ,विश्व के कल्याण में सहयोग करेंगे।अपने उच्च संस्कारों से नयी पीढीको सिचेंगे।एक आदर्श ओजस्वी भारत बनाने में अपना अमूल्य सहयोग प्रदान करेंगे।विश्व को धर्मयुद्ध से बचायेंगे। शांति का प्रचार करेंगे।अपने जप तप साधना द्वारा विश्व में सकारात्मकता का दिव्य संचार करेंगे। स्वागत करता है स्वयंसिद्धा तेजस्विनी फाउंडेशन ऐसी सन्नारियों का |

Leave a Reply